- HIV POSSITIVE -एड्स
एड्स से ग्रसित व्यक्ति के ना सिर्फ शारीरिक तौर पर बल्कि मानसिक तौर पर भी काफी प्रताड़ना की सामना करना पड़ता है क्योंकि लोग काफी हीन भावना उन्हें देखते हैंI वर्तमान समय से लगभग 35 साल पहले पूरे विश्व में एचआईवी -एड्स सबसे बड़ा जानलेवा बीमारी के रूप में व्यापक रूप से उभरा थाIभले ही चिकित्सकों और वैज्ञानिकों के द्वारा एचआईवी -एड्स से संबंधित अनेक प्रकार के जागरूकता अभियान और दवाइयां टीके एवं थेरेपी की खोज हो गई हो परंतु आज भी जानलेवा बीमारियों के रूप में HIV-एड्स की गिनती होती हैI आज सैकड़ों विभिन्न बीमारियां पाई जाती हैं हर बीमारी के अपने लक्षण एवं सूत्र होते हैंI जो बीमारी के निदान में डॉक्टर के सहायक होते हैंI आप इसके आंकड़ों से समझ सकते हैं कि यह कितना अतरंगी और जानलेवा बीमारी है करीब अभी तक 7 करोड से अधिक लोग एड्स से संक्रमित रोगी पूरे विश्व में पाए गए हैं जिनमें से करीब 4 करोड़ों की मौत एड्स के कारण हुई हैIविश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 1 दिसंबर को लोगों में सतर्कता और जागरूकता को लेकर विश्व एड्स दिवस मनाया जाता हैI यह संक्रामक रोग के श्रेणी में आता है जो किसी माध्यम से एक मनुष्य में रहकर दूसरे पर भी प्रभाव डालता हैI वायरस, बैक्टीरिया,फंगी ,वर्म जैसे सूक्ष्मजीव हैं जो अधिकतर संक्रामक रोग का वाहक(Cause) होते हैंI इस तरह की बिमारी मनुष्य के शरीर में प्रवेश करने के बाद तुरंत असर नहीं करता है अर्थात इसके शुरुआती लक्षण दिखाई नहीं देते हैंI ऐसे में एचआईवी एड्स के बारे में विस्तृत रूप से जानना और उनके लक्षणों को जानकर एड्स रोग की पहचान कर आप इस जानलेवा बीमारी से दूर रह सकते हैंI क्या एक बार व्यक्ति एड्स से संक्रमित हो जाने पर व्यक्ति पूर्ण स्वस्थ हो सकता है या नहीं इस आलेख के जरिये आप एड्स से जुड़े सभी तथ्यों को जानकर स्वयं और अपने परिवार को स्वस्थ रख सकते हैंI
- एड्स क्या है?(What is Aids?)
एड्स एक गंभीर रोग है जिसका विस्तृत रूप एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशियेंसी सिंड्रोम(AIDS)होता हैI यह मनुष्य के प्रतिरक्षा तंत्र पर विशिष्ट रूप से लिंफोसाइट्स पर प्रहार करने वाले ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस(HIV) के कारण होता हैI व्यक्ति के शरीर में एचआईवी के प्रवेश करने से एड्स होता हैI यह कई माध्यमों से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है सीधे कोशिकाओं पर हमला कर होस्ट कोशिकाओं के अंदर प्रवेश कर जाता हैI वायरस,RNA तथा अन्य आनुवांशिक तत्वों को होस्ट कोशिकाओं में सम्मिलित कर देता हैI धीरे-धीरे RNA ,DNA में परिवर्तित हो जाता है कोशिका के न्यूक्लियस में प्रवेश कर वही स्थिर हो जाता है जिसके कारण संक्रमित कोशिकाओं में अनियमित वृद्धि होती हैI कुछ वर्ष बाद यह वायरस के कोशिकाएं पुरे शरीर में फैलकर शरीर के अन्य स्वस्थ्य कोशिकाओं को संक्रमित कर देता हैI इन सारे प्रक्रिया के दौरान व्यक्ति में कोई भी गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिलते इसीलिए एचआईवी के संक्रमण का शुरुआती दौर में पता नहीं चल पाता है और व्यक्ति एड्स से ग्रसित हो जाता हैI HIV वायरस ब्लड एवं उससे उत्पन्न होने वाले तत्व, शुक्राणु एवं योनिक तरल पदार्थ, असुरक्षित सेक्स, संक्रमित ब्लड डोनेट, उपयोग की गई सूई,संक्रमण से ग्रसित माता-पिता से शिशु का जन्म, आर्टिफिशियल गर्भाधान इत्यादि क्रियाकलापों द्वारा संचारित होता हैI
- एड्स के प्रमुख लक्षण –
हमारे शरीर के अंदर एड्स के प्रभाव तुरंत नहीं दिखाई देते हैं परंतु HIV वायरस जैसे हमारे शरीर में प्रवेश करता है तो यह वायरस अपना कुछ लक्षण देता हैI खांसी ,जुकाम,सर्दी,सिर में दर्द,बुखार,शरीर में दर्द आदि ,यह शुरूआती लक्षण HIV वायरस के शरीर में प्रवेश होने का संकेत होते हैं परन्तु एक बार जब HIV वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है तो लम्बे समय तक किसी तरह का शरीर में विकार देखने को नहीं मिलता हैI अर्थात HIV वायरस साइलेंट पोजीशन में चला जाता है और शरीर को अंदर ही अंदर तेजी से अपना यह वायरस अधिक संख्या में बढ़ने लगता हैI मैं शरीर के विभिन्न अंगों पर हमला करता हैI हमारे शरीर के अंदर HIV वायरस के उपस्थित होने के कारण एड्स उतपन्न होने लगता हैI यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है और T-CELLS जो हमारे इम्यून सिस्टम को संतुलन प्रदान करता है उनकी संख्या कम होने लगती हैI जब T-cells की संख्या 200 per cubic mm से निचे चल जाती है तब शरीर में एड्स के लक्षण दिखाई देना लगता है जो निम्नलिखित है –
- एकाएक वजन कम होने लगता हैI
- भूख कम होने लगती हैI
- पेट में निरंतर भारीपन तथा हल्का दर्द रहता हैI
- जी मचला और खाने के बाद उल्टी,दस्त होनाI
- रात को सोते समय पसीना आना
- निरंतर बुखार आना
- ऊर्जाहीन और थकावट महसूस होना
- हड्डियों और मांसपेशियों में निरंतर अकड़न एवं दर्द रहना
- सिर में दर्द रहना
- लम्बे समय तक खांसी रहना
- त्वचा का रंग में बदलाव
- मुंह के अंदर बार-बार छाले होना
- गले में दर्द रहना
- लिम्फनोट्स में सूजन होना तथा गाँठ बन जाना
- पुरुषों तथा केमहिलाओं केलिंग,जननांगों इन्फेक्शन हो जाता है जिनमें अनेक प्रकार के विकार होने लगते हैंI
इलाज(Treatment)-
चिकित्सकों के अनुसार इसका कोई ठोस इलाज नहीं हैIशुरूआती दौर में उपचार के लिए तो कई दवाइयां उपलब्ध है परंतु इससे बचने के लिए मनुष्य को एंटी-रेट्रोवायरल(ARV) का सख्ती के साथ पालन कर एक स्तर तक रोग को नियंत्रित किया जा सकता हैI डॉक्टर बताई गयी परामर्श को नियमित रूप से पालन करना तथा नियमित दवाई का सेवन से व्यक्ति अपनी सामान्य जीवन जीने लगता है पर पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं हो सकताI
- एड्स से कैसे बचें?( घरेलु उपाय)
मुख्य रूप से एड्स जिन कारणों से फैलता है अगर उसके बारे में हम आगे से ही जान जाए और सचेत हो जाए तो एड्स का शिकार होने से बचा जा सकता हैI
- एक से अधिक स्त्री या पुरुष से सेक्स संबंध स्थापित ना करें अपने जीवनसाथी के प्रति वफादार रहेंI
- कभी भी एक से अधिक लोगों से यौन संबंध बनाने से दौरान कंडोम का प्रयोग जरूर करेंI
- अगर किसी प्रकार के इंजेक्शन(सिरिंज) लगाते हैं तो उसके पहले यह कंफर्म कर ले कि यह उपयोग की गई इंजेक्शन ना हो Iडिस्पोजल सिरिंज तथास्तु या कोई भी चिकित्सीय ऊपर उपकरण को अच्छे तरीके से पानी में उबालकर जीवाणु रहित करके ही उसका इस्तेमाल करेंI
- बिना परीक्षण किए हुए रक्त ग्रहण न करेंI
- HIV से ग्रसित महिला गर्भधारण न करेंI
- यह भले ही संक्रमित बीमारी होती परंतु एड्स से पीड़ित रोगी के साथ बैठने तथा उनके साथ हाथ मिलाने, खाने-पीने से कभी नहीं फैलता हैIइसके अलावा ना ही KISS (चुंबन) से फैलता हैI
- नोट- यह जानकारी चिकित्सकों और किताबों के माध्यम से संग्रह के आधार पर दी गई है जो पूर्ण रूप से आपके उपचार की पुष्टि नहीं करती बल्कि आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है Iजब भी उपरोक्त लिखी गई लक्षणों या विकार दिखाई देता हो तो यथाशीघ्र अपने नजदीकी चिकित्सकों से संपर्क करेंI